निःशुल्कता एवं छात्रवृत्तियाँ

1. विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित निःशुल्कता नियमों के अंतर्गत निर्धन एवं मेधावी छात्र-छात्राओं को अधिकतक छूट देने की चेष्टा की जाती है। निर्धन छात्र कोष से विशेष आर्थिक सहायता दी जाती है। छात्राओं को विशेष – सुविधा दी जाती है।

2. अध्यापन प्रारंभ होने के प्रायः दो मास के अंदर छात्र-छात्राओं से निःशुल्कता एवं अन्य सहायता प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाते हैं। छात्र निःशुल्कता समिति अपने मापदण्ड के आलोक में निर्णय लेती है। एवं समुचित निर्णय छात्र-छात्राओं को सूचित कर दिया जाता है। छात्र त्र-निशुल्कता के लिए पूर्व वर्ग में प्राप्त सुविधाओं एवं निर्धनता के प्रमाण सहित परीक्षाफल की प्रमाणित प्रति संलग्न की जानी चाहिए ।

3. मेधावी तथा निर्धन छात्रों के लिए सरकार द्वारा सरकारी ऋण-छात्रवृति योग्यता-सह निर्धनता छात्रवृत्ति-अनुसूचित जाति एवं पिछड़ी जाति छात्रवृति के प्रसंग में छात्र-छात्राओं के यथासंभव सहयोग एवं निर्देश दिए जाते है।

4. पूर्व परीक्षा में उत्तीर्णता प्राप्त कर नामांकन कराने वाले अनुसूचित जातियों/जनजातियों/पिछड़े मुसलमानों और मोमिन सहित अनुसूची-1 की सभी पिछड़ी जातियों के लिए मासिक शिक्षण शुल्क सरकार से मिलता है। अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अनुसूचित-1 में उल्लिखित पिछड़ी जातियों के छात्रों को एक वर्ष की परीक्षा के लिए अधिक से अधिक दो बार परीक्षा शुल्क में छूट दी जाती है। छात्र केवल एक स्रोत की आर्थिक सहायता रख सकते है।

5. बिहार सरकार के पत्रांक 5/वि०-109/177-क-5159 एवं भारत सरकार के पत्रांक बी० सी०/1101/876, एस० सी० बी०- 4 सितम्बर 76 के अनुसार छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में निर्वाह भत्ता और छात्र द्वारा देय सभी शुल्क को राशि सन्निहित हैं जो महाविद्यालय द्वारा भगतान के समय काट ली जायेगी।